लेखनी कहानी -19-Sep-2022 संघर्ष बिना मंजिल नहीं
संघर्ष बिना मंजिल नहीं
आंधी तूफान
मुश्किल में जान
शूल प्रस्तर शीशा
बाधाएं तमाम
रुके बिना
थके बिना
विपरीत आवाजें
सुने बिना
बढ आगे ही आगे
खींच लक्ष्य के धागे
परिश्रम के रथ पर
होकर सवार
भरकर हौसलों की
जोरदार हुंकार
निर्ममता से काट
कठिनाइयों का जाल
तेज रख बस
अपनी चाल
पत्थरों से बना के पुल
भर सीने में जोश फुल
डर से कभी झुकना नहीं
लक्ष्य से तू डिगना नहीं
दूरी कोई ज्यादा नहीं
पर्वत कोई बाधा नहीं
गर्व से उन्नत कर भाल
पहन कर ये विजयमाल
अहं से सर्वदा दूर रह
सत्य वचन निडर कह
संघर्ष के बिना कहां मंजिल
मेहनत के बिना क्या हासिल
कोई साथ दे या ना दे
मजबूत रख अपने इरादे
फिर ये जहां तेरा है
खुशियों का तब डेरा है
श्री हरि
19.9.22
Swati chourasia
20-Sep-2022 04:44 PM
Very nice
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Haaya meer
19-Sep-2022 08:54 PM
Nice
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आँचल सोनी 'हिया'
19-Sep-2022 07:00 PM
Achha likha hai 💐
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